चिड़िया और कौवा की कहानी | Very Short Moral Story

एक बार की बात है, एक जंगल में एक चिड़िया और एक कौवा रहते थे। चिड़िया बहुत ही सुंदर और मधुर आवाज वाली थी। कौवा बहुत ही बदसूरत और कर्कश आवाज वाला था। चिड़िया हमेशा कौवा की बातों का मजाक उड़ाती थी। कौवा चिड़िया की बातों से बहुत दुखी होता था।

एक दिन, चिड़िया और कौवा एक साथ बैठे हुए थे। तभी, एक शिकारी जंगल में आया। शिकारी ने चिड़िया को देखा और उसे पकड़ने के लिए अपना जाल फेंक दिया। जाल चिड़िया के पैरों में फंस गया और चिड़िया जाल में फंस गई।

चिड़िया ने कौवा से मदद मांगी। कौवा ने चिड़िया को जाल से निकालने के लिए अपनी चोंच से जाल को काटना शुरू किया। धीरे-धीरे, कौवा ने जाल को काट दिया और चिड़िया को जाल से मुक्त कर दिया।

चिड़िया को जाल से मुक्त होते देखकर कौवा बहुत खुश हुआ। चिड़िया ने कौवा से माफी मांगी और कहा कि अब वह कौवा की कभी भी बातों का मजाक नहीं उड़ाएगी।

चिड़िया और कौवा ने एक-दूसरे से दोस्ती कर ली। वे दोनों हमेशा एक साथ रहते थे और एक-दूसरे की मदद करते थे।

सीख

कई बार, हम दूसरों की कमियों पर हंसते हैं। लेकिन, जब हम खुद उसी स्थिति में होते हैं, तो हमें दूसरों की मदद की जरूरत होती है। इसलिए, हमें दूसरों की कमियों पर हंसना नहीं चाहिए। हमें दूसरों की मदद करनी चाहिए।