जंगल में एक लड़के की कहानी | Hindi Moral Story

एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में एक छोटा सा बच्चा नामक ‘राम’ रहता था। राम बहुत ही उत्साही और दिल के साफ बच्चा था।

एक दिन, राम ने अपने पिताजी से पूछा, “पिताजी, मुझे जंगल जाना है। क्या मैं जा सकता हूँ?”

पिता ने बताया, “बेटा, जंगल बहुत खतरनाक होता है। वहां जाने से पहले सोच-समझकर जाना।”

लेकिन राम बहुत उत्सुक था। वह जंगल जाने का निर्णय कर बैठा। वह अकेला ही जंगल की यात्रा पर निकल गया।

जंगल में राम ने बहुत सारी नदियों और पहाड़ियों को पार किया। वह अचानक एक खतरनाक सांप के सामने आ गया। सांप ने उसे डरा दिया और राम भागने लगा।

धीरे-धीरे राम ने सांप को पीछे छोड़ दिया। वह वापस घर की ओर लौट गया।

उसके बाद से राम ने सीख ली कि जो बात पिताजी समझाते हैं, वो सही होती है। उसने कभी भी उनकी सलाह नहीं छोड़ी।

जब राम घर लौटा, तो उसने अपने पिताजी से माफी मांगी। पिता ने उसे गले लगाया और कहा, “बेटा, मैं तुम्हारे लिए चिंतित था। लेकिन मुझे खुशी है कि तुम सलामत हो।”

राम ने पिताजी से वादा किया कि वह कभी भी बिना सोचे-समझे नहीं करेगा। उसने अपनी गलती समझी और वह अब समझदारी से हर काम करने लगा।

इसके बाद से, राम ने हमेशा अपने पिताजी की सलाह को महत्त्व दिया और वह खुशहाली से रहा।

यह कहानी हमें यह बताती है कि हमें अपने बड़ों की सलाह को मानना चाहिए और उसे समझकर अमल में लाना चाहिए। इससे हमें हमेशा सफलता मिलती है।

किसी भी कहानी का अंत सबसे महत्वपूर्ण होता है। राम ने भी यह समझा कि सही समय पर सही सलाह सुनना और उसे अपनाना कितना जरूरी होता है।

राम ने इस घटना से एक महत्त्वपूर्ण सीख ली – हमें हमेशा अपने परिवार और बड़ों की सुनना चाहिए। उनकी उपदेश और सलाह हमारे जीवन में राह दिखा सकती है और हमें सही मार्ग पर ले जा सकती है।

इससे हमें यह सिख मिलती है कि हमें अपने परिवार की बात सुननी चाहिए और उनके संदेश को ध्यान से समझना चाहिए। इससे हमें गलतियों से बचाव मिलता है और हमेशा सफलता की ओर बढ़ते हैं।

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