कबूतर और बहेलिया की कहानी | Hindi Moral Stories Reading For Kids

एक जंगल में एक बड़ा बरगद का पेड़ था। उस पेड़ पर बहुत सारे कबूतर रहते थे। वे दिन भर पेड़ पर बैठे रहते थे और बातें करते रहते थे।

एक दिन, एक बहेलिया जंगल में शिकार करने आया। उसने कबूतरों को देखा और उसे उनका शिकार करने का मन हुआ। उसने एक जाल बिछाया और कबूतरों को फंसाने का इंतजार करने लगा।

कबूतरों ने बहेलिए को देखा तो वे बहुत घबरा गए। वे जाल में फंसने से बचने के लिए सोचने लगे।

तभी, एक बुढ़ा कबूतर बोला, “चिंता मत करो। मैं तुम्हें इस जाल से बचाऊंगा।”

बहेलिया ने जाल में कुछ अनाज डाला। कबूतर अनाज को खाने के लिए जाल के पास आए।

बूढ़े कबूतर ने कहा, “अरे, तुम सब एक साथ जाल में उड़ने की कोशिश करो।”

कबूतरों ने बूढ़े कबूतर की बात मानी और वे सभी एक साथ जाल में उड़ने की कोशिश करने लगे। उनके इस प्रयास से वे जाल सहित उड़ गए और बूढ़े कबूतर के पीछे-पीछे उड़ने लगे।

बहेलिया ने कबूतरों को उड़ता देख हैरानी से अपना सिर हिलाया। उसने कभी भी कबूतरों को जाल सहित उड़ते नहीं देखा था। वह कबूतरों का पीछा करने लगा, लेकिन कबूतर नदी और पर्वतों को पार करते हुए निकल गए। इससे बहेलिया उनका पीछा नहीं कर पाया।

इधर बूढ़े कबूतर ने जाल में फंसे कबूतरों को एक पहाड़ी पर ले गया, जहां उसका एक चूहा मित्र रहता था। बूढ़े कबूतर को आता देख चूहे की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसने बूढ़े कबूतर को गले लगा लिया और कहा, “तुमने मेरी जान बचाई।”

बूढ़े कबूतर ने कहा, “यह मेरा कर्तव्य था। मैं कभी भी अपने मित्रों को मुश्किल में नहीं छोड़ सकता।”

चूहे ने जाल को काट दिया और सभी कबूतर आजाद हो गए। कबूतर बूढ़े कबूतर का धन्यवाद करने लगे। उन्होंने कहा, “आपने हमें बहेलिए से बचाया। हम आपके ऋणी हैं।”

बूढ़े कबूतर ने कहा, “यह मेरा सौभाग्य है कि मैंने तुम्हारी मदद कर सकी।”

कबूतर खुशी-खुशी अपने घर लौट गए। वे बूढ़े कबूतर के बुद्धिमानी और साहस के लिए हमेशा आभारी रहेंगे।

शिक्षा:

  • बुद्धिमत्ता और साहस से हर मुश्किल से पार पाया जा सकता है।
  • दोस्तों की मदद करना हमारा कर्तव्य है।