तीन सत्य बहुत गहरे और महत्वपूर्ण होते हैं। इनमें से कुछ हैं:
- परिवर्तन हमारे जीवन का नियम है।
- सत्यता अन्य सबसे बड़ी शक्ति होती है।
- संयम और सहयोग से ही हम समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं।
यह पूरी कहानी इन तीन सत्य बे पूरी तरह से निर्धारित है। जो पड़के आपको जीवन में सूझ बूझ मिलेगी।
एक गाँव में एक बड़ा ही अजीब और खास पेड़ था। उस पेड़ का नाम था “देने-वाला पेड़”। यह पेड़ हर धर्म, जाति और वर्ग के लोगों को उपहार देने का काम करता था।
एक दिन, गाँव के छोटे से बच्चे ने इस पेड़ के बारे में सुना और उसकी खोज में निकला। वह जब पेड़ के पास पहुंचा, तो पेड़ ने उसे एक खूबसूरत और रंगीन फल दिया। बच्चा बहुत खुश हुआ और उसका धन्यवाद किया।
वह बच्चा हर दिन उस पेड़ के पास जाता और फल लेता। धीरे-धीरे, वह अधिकतर और अधिकतर फल लेने लगा। लेकिन एक दिन वह भूल गया कि उसने पेड़ के लिए कुछ भी नहीं दिया।
बच्चे की यह बात पेड़ ने जान ली और वह उसे समझाने आया। पेड़ ने बच्चे से कहा, “बच्चे, जीवन में देने-वाला होना भी बहुत महत्वपूर्ण है। जब हम दूसरों को मदद करते हैं, तो हमें भी खुशी मिलती है।”
वह बच्चा समझ गया कि देने का अहम होना उसके जीवन में भी खासियत लाता है। उसने विचार किया कि अब वह भी कुछ देने की कोशिश करेगा।
बच्चे ने उसी दिन से शुरुआत की, वह अपनी सक्षमता और समय से ज्यादा दूसरों की मदद करने लगा। वह गरीबों को खाना खिलाता, बुजुर्गों की सेवा करता, और अपनी शिक्षा का हिस्सा बाँटता था।
बच्चे की यह नेकी देखकर गाँव के लोग भी प्रेरित हुए और सभी ने मिलकर समाज के लिए कुछ न कुछ किया। इस प्रकार, उस छोटे बच्चे ने देने की महत्ता समझी और उसने एक नया संदेश गाँव में फैलाया।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें सिर्फ लेने से नहीं, बल्कि देने से भी खुशी मिलती है। हमारे कर्मों से ही हम दुनिया में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।
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