दयालु रानी और हिरण का बच्चा | Hindi Short Story

एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में रानी नाम की एक जिज्ञासु सी लड़की रहती थी। रानी को कहानियाँ सुनना बहुत पसंद था, खासकर जंगल के जानवरों के बारे में। वह अक्सर गाँव के बाहर बरगद के पेड़ के नीचे बैठी रहती और पेड़ों के बीच सरसराहट व पक्षियों के चहचाहट को सुनकर कल्पना करती कि जानवर क्या बातें कर रहे होंगे।

एक दिन, रानी पेड़ के नीचे बैठी थी कि तभी उसे दूर से हिरण के बच्चे की फूटफूट कर रोने की आवाज सुनाई दी। वह आवाज का पीछा करते हुए जंगल के अंदर चली गई और एक छोटे से हिरण के बच्चे को देखा जो अपनी माँ से बिछड़ गया था। रानी को उस पर दया आ गई और उसने उसे गोद में उठा लिया।

हिरण का बच्चा थोड़ा डरा हुआ था, लेकिन रानी की मीठी आवाज और प्यार से भरी पलटियों ने उसे शांत कर दिया। रानी ने सोचा कि उसे उसकी माँ से मिलाना चाहिए। उसने जंगल में हिरण की आवाज की नकल करते हुए पुकारा, “हां…हां…” थोड़ी ही देर में, एक बड़ी हिरनी दौड़ती हुई आई और अपने बच्चे को देखकर खुशी से झूम उठी।

रानी ने खुशी-खुशी हिरण के बच्चे को उसकी माँ से मिला दिया। हिरनी ने रानी को धन्यवाद देने के लिए उसे चमकीले गुलाब की पंखुड़ियाँ दीं और कहा, “तुम बहुत दयालु हो, रानी। जंगल तुम्हारी इस अच्छाई को कभी नहीं भूलेगा!”

तब से, रानी और जंगल के जानवरों के बीच एक खास रिश्ता बन गया। जानवर कभी-कभी रानी को जंगल के रहस्य और खूबसूरत नज़ारे दिखाते थे। रानी ने सीखा कि जंगल का सम्मान करना और उसकी देखभाल करना कितना ज़रूरी है।

क्या आप भी रानी की तरह दयालु और जिज्ञासु हैं? आप भी अपने आसपास के लोगों और प्रकृति का ख्याल रखकर एक अच्छी इंसान बन सकते हैं।

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