रानी और जादुई फूल कहानी | Hindi Story for Kids

रानी, एक जिज्ञासु और साहसी छोटी लड़की थी, जो एक हरे-भरे गाँव में रहती थी। उसे गाँव के चारों ओर घूमना और जंगल के रहस्यों को खोजना बहुत पसंद था। एक धूप वाले दिन, वह जंगल की गहराई में घूम रही थी, जब उसने एक अजीब सी आवाज सुनी। यह एक छोटे से पक्षी की आवाज थी, जो मदद के लिए चिल्ला रहा था।

रानी जल्दी से आवाज की ओर दौड़ी और एक पेड़ पर एक छोटे से नीले पक्षी को जाल में फँसा हुआ पाया। उसने धीरे से जाल को हटाया और पक्षी को आज़ाद किया। पंछी बहुत खुश हुआ और धन्यवाद के रूप में उसने रानी को एक जादुई फूल दिया।

यह फूल बहुत ही खास था। यह चमकता था और इसकी पंखुड़ियाँ इंद्रधनुषी रंगों में झिलमिलाती थीं। पंछी ने रानी को बताया कि यह फूल उसे एक जादुई जमीन पर ले जा सकता है, जहां उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।

रानी बहुत उत्साहित थी। उसने फूल को पकड़ लिया और अपनी आँखें बंद कर लीं। उसने सोचा कि वह क्या चाहती है। वह एक राजकुमारी बनना चाहती थी, एक महल में रहना चाहती थी, और उसके पास ढेर सारे खिलौने और मिठाईयाँ होती थीं।

क्षण भर में, रानी ने खुद को एक शानदार महल में पाया। वह रेशमी कपड़े पहने हुए थी और उसके चारों ओर सोने के गहने और हीरे जवाहरात बिखरे हुए थे। वहाँ स्वादिष्ट मिठाईयाँ और ढेर सारे खिलौने थे।

पहले तो, रानी बहुत खुश थी। उसने महल में घूमना शुरू किया, खिलौनों से खेला और मिठाईयाँ खाईं। लेकिन जल्द ही, उसे अकेलापन और उदासी महसूस होने लगी। उसे अपने माता-पिता और दोस्तों की याद आने लगी। महल बहुत बड़ा और खाली था।

कुछ देर सोचने के बाद, रानी को एहसास हुआ कि असली खुशी महल या खिलौनों में नहीं थी। यह उसके परिवार और दोस्तों के प्यार में थी। उसने जादुई फूल को निकाला और उसे वापस लाने के लिए कहा।

क्षण भर में, रानी वापस जंगल में थी। वह बहुत खुश थी कि वह घर वापस आ गई है। उसने सीखा कि असली खुशी चीजों में नहीं बल्कि रिश्तों में होती है। उसने फूल को वापस पक्षी को दे दिया और उसे धन्यवाद दिया।

रानी गाँव वापस चली गई और अपने माता-पिता और दोस्तों के साथ मस्ती करने लगी। उसने कभी भी जादुई फूल या जादुई जमीन के बारे में किसी को नहीं बताया, लेकिन उसने हमेशा सबक याद रखा: असली खुशी प्यार और दोस्ती में होती है।

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