बहादुर बत्तख का बड़ा सपना | Kids Story in Hindi

एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में गुल्लू नाम का एक लड़का रहता था। गुल्लू बहुत ही जिज्ञासु था और उसे नई चीजें सीखने का बहुत शौक था। गाँव के बाहर एक बड़ा जंगल था, जहाँ गुल्लू को अक्सर खेलने जाना बहुत पसंद था।

एक दिन, जंगल में खेलते हुए, गुल्लू ने एक अजीब सी झिलमिलाहट देखी। वह उसकी तरफ बढ़ा और एक गुफा के सामने पहुँच गया। झिलमिलाहट गुफा के अंदर से आ रही थी। गुल्लू को बहुत डर लगा, पर उसकी जिज्ञासा उससे जीत गई। उसने साहस करके, गुफा के अंदर झाँका।

अंदर उसने देखा कि एक छोटी परी चमकती पत्थर के पास बैठी रो रही है। गुल्लू ने धीरे से पूछा, “आप क्यों रो रही हैं?”

परी ने बताया कि उसका जादुई पंख टूट गया है और वह उड़ नहीं पा रही है। बिना पंख के, वह जंगल से बाहर नहीं जा सकती।

गुल्लू ने उसकी मदद करने का फैसला किया। उसने जंगल में इधर-उधर ढूंढना शुरू किया। तभी उसे एक सुंदर तितली नजर आई, जिसके पंख चमकते हुए पत्थर की तरह ही थे। उसने बड़ी सावधानी से तितली को पकड़ा और परी के पास ले गया।

परी बहुत खुश हुई और उसने जल्दी से उस तितली का पंख अपने टूटे पंख से जोड़ दिया। कुछ ही पलों में परी के पंख ठीक हो गए और वह खुशी से उड़ने लगी।

परी ने गुल्लू का बहुत धन्यवाद किया और उसे एक जादुई बीज दिया। उसने बताया कि ये बीज एक खास पेड़ को उगाएगा, जो कभी भी गुल्लू की मनचाही चीजें दे सकता है।

गुल्लू बहुत खुश हुआ और अपने गाँव वापस चला गया। घर पहुँचकर उसने बीज को लगाया और उसकी हर रोज देखभाल की। कुछ ही दिनों में एक अद्भुत पेड़ उग आया, जिसकी पत्तियाँ चमकती थीं।

जब भी गुल्लू को कुछ चाहिए होता था, वह उस पेड़ से मांगता और पेड़ उसे दे देता। पर गुल्लू ने कभी लालच नहीं किया। वो सिर्फ ज़रूरत की चीज़ें ही मांगता था। उसकी दयालुता की वजह से गाँव का हर कोई उससे प्यार करता था।

इस कहानी से पता चलता है कि जिज्ञासु होना और दूसरों की मदद करना बहुत अच्छा है। साथ ही, लालच नहीं करना चाहिए और सिर्फ ज़रूरत की चीज़ों की ही इच्छा करनी चाहिए।

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