ईमानदारी का इनाम (Emaandaari Ka Inaam – The Reward of Honesty)

एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में रामू नाम का एक गरीब किसान रहता था। रामू बहुत ईमानदार और मेहनती था, लेकिन उसकी किस्मत हमेशा उसका साथ नहीं देती थी।

एक दिन रामू खेत में हल चला रहा था कि अचानक उसकी कुदाल एक लोहे की संदूक से टकराई। उसने जब संदूक खोला, तो उसमें सोने की मोहरें भरी हुई थीं। रामू चौंक गया, लेकिन उसने सोचा, “ये धन मेरा नहीं है। अगर मैं इसे रख लूं, तो यह बेईमानी होगी।”

रामू उस संदूक को लेकर सीधे गाँव के प्रधान के पास गया और सारी बात बताई। प्रधान ने सभी गाँव वालों को बुलाकर पंचायत बुलाई। सब रामू की ईमानदारी से बहुत प्रभावित हुए।

गाँव के ज़मींदार ने यह सब देखा और बहुत खुश हुआ। उसने कहा, “रामू, तुम जैसे ईमानदार इंसान दुर्लभ होते हैं। यह धन अब तुम्हारा है। साथ ही मैं तुम्हें अपनी ज़मीन पर खेती करने के लिए मुफ्त ज़मीन देता हूँ।”

रामू की आँखों में खुशी के आँसू थे। उसने धन्यवाद दिया और अपनी मेहनत और ईमानदारी से गाँव में मिसाल कायम की।

शिक्षा:

ईमानदारी हमेशा फल देती है। कभी-कभी रास्ता कठिन होता है, लेकिन सच्चाई और नैतिकता का अंत हमेशा अच्छा ही होता है।

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