सच्चे दोस्त की पहचान (Sachche Dost Ki Pahchaan – The Value of a True Friend)

कहानी:

बहुत समय पहले की बात है। एक जंगल में एक खरगोश और एक कछुआ रहते थे। दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे। रोज़ साथ खेलते, खाते और नई-नई बातें सीखते।

एक दिन जंगल में यह खबर फैल गई कि एक शेर जंगल में आ गया है और जो भी जानवर उसके रास्ते में आता है, वह उसे खा जाता है।

खरगोश डर गया और बोला, “मैं तो भाग रहा हूँ! मैं तेज़ दौड़ सकता हूँ, इसलिए बच जाऊँगा।” लेकिन कछुआ धीमा था। वह बोला, “मैं तो नहीं भाग सकता। अब मेरी जान खतरे में है।”

खरगोश भाग गया, पर थोड़ी ही देर में उसे अपनी गलती का एहसास हुआ। वह वापस लौटा और कछुए को एक झाड़ी में छुपा दिया।

शेर आया, पर उसे कोई जानवर नहीं मिला। वह आगे चला गया।

कछुआ बोला, “तू वापस क्यों आया?”
खरगोश ने मुस्कराते हुए कहा, “क्योंकि सच्चा दोस्त वही होता है जो मुश्किल समय में साथ दे।”

शिक्षा:

सच्चा दोस्त वही है जो मुसीबत में साथ निभाए। दोस्ती का असली मूल्य मुश्किल समय में ही पता चलता है।

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