दयालु शेर और मूर्ख बंदर हिंदी कहानी | Kids Stories in Hindi

एक बार की बात है, एक जंगल में एक क्रूर शेर रहता था। शेर बहुत ही शक्तिशाली और भयंकर था, और सभी जानवर उससे डरते थे। एक दिन, एक मूर्ख बंदर एक पेड़ पर बैठा था और उसने देखा कि एक छोटा सा जानवर झाड़ियों में फंसा हुआ है।

बंदर ने तुरंत शेर को बुलाकर कहा, “हे शेर, मैं एक छोटा सा जानवर देख रहा हूँ जो झाड़ियों में फंसा हुआ है। क्या आप उसे बाहर निकालने में मेरी मदद कर सकते हैं?”

शेर को इस तरह की दयालुता से बहुत आश्चर्य हुआ। उसने कभी किसी भी जानवर को बचाने की कोशिश नहीं की थी, लेकिन बंदर के अनुरोध पर उसने हाँ कर दी।

शेर ने झाड़ियों में जाकर उस छोटे जानवर को बचा लिया। बंदर बहुत खुश हुआ और उसने शेर को धन्यवाद दिया। शेर ने कहा, “तुमने मुझे बहुत अच्छा काम करने का मौका दिया है। मैं तुम्हारी दयालुता को कभी नहीं भूलूंगा।”

बंदर बहुत खुश था कि उसने शेर की मदद की थी। उसने सोचा कि अब शेर उसे कभी नहीं सताएगा। लेकिन शेर को बंदर की दयालुता पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं था। वह सोच रहा था कि कैसे वह बंदर को अपना शिकार बना सकता है।

कुछ दिनों बाद, शेर ने एक योजना बनाई। उसने बंदर को एक जाल में फंसाने का फैसला किया। शेर ने एक बड़े सांप को बुलाया और उससे कहा, “हे सांप, तुम मेरे लिए एक काम करो। तुम जाओ और उस बंदर को अपनी गुफा में ले जाओ। फिर तुम उससे कहो कि मैं तुम्हारा दोस्त हूँ और मैं उसे एक बड़ा और रसदार फल दूँगा।”

सांप बहुत ही चतुर था। वह तुरंत शेर की गुफा में गया और बंदर को अपनी गुफा में ले गया। बंदर को सांप के साथ जाने में कोई आपत्ति नहीं थी क्योंकि वह सोच रहा था कि वह शेर के साथ दोस्ती कर रहा है।

सांप ने बंदर को एक बड़े और रसदार फल दिखाया और कहा, “हे बंदर, यह फल बहुत ही स्वादिष्ट है। तुम इसे खाना पसंद करोगे।”

बंदर बहुत ही खुश हो गया और उसने फल को खाने के लिए आगे बढ़ाया। लेकिन तभी सांप ने अचानक से उस पर झपट्टा मारा और उसे अपने मुंह में ले लिया। बंदर बहुत ही डर गया और चीखने लगा, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

शेर ने सांप को बंदर को मारने के लिए कहा, लेकिन सांप ने कहा, “मैं बंदर को नहीं मारूँगा। मैं उसे अपने घर ले जाऊँगा और उसे अपनी गुफा में बंद कर दूँगा।”

शेर को बहुत ही गुस्सा आया, लेकिन वह कुछ नहीं कर सकता था। उसने सोचा कि वह बाद में बंदर को मार देगा। शेर ने सांप को धन्यवाद दिया और फिर वह अपने घर चला गया।

सांप ने बंदर को अपनी गुफा में बंद कर दिया और फिर वह बाहर गया और शेर की प्रतीक्षा करने लगा। शेर कुछ देर बाद आया और उसने बंदर को देखने के लिए गुफा में झाँका।

बंदर बहुत ही उदास था और वह रो रहा था। शेर ने बंदर को देखा और बहुत ही खुश हुआ। वह सोच रहा था कि अब वह बंदर को मारकर खा सकता है।

शेर ने गुफा में जाकर बंदर को कहा, “हे बंदर, तुम बहुत ही मूर्ख हो। तुमने मुझे धोखा दिया और मैं तुम्हारे साथ दोस्ती नहीं करूँगा।”

बंदर को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने शेर से माफी माँगने लगा। लेकिन शेर ने उसे माफ़ नहीं किया और उसने बंदर को मार दिया।

Moral: दूसरों पर कभी भी भरोसा नहीं करना चाहिए। हर कोई अपने लिए सोचता है और दूसरों का भला नहीं चाहता है।

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