खरगोश और चींटी की कहानी | Hindi Moral Story For Kids

एक जंगल में रहता था एक छोटा सा खरगोश, जिसका नाम था रिंकू। रिंकू बहुत तेज दौड़ सकता था। उसे इस बात पर बहुत घमंड हो गया। वह अक्सर दूसरे जानवरों को चिढ़ाता और कहता, “मैं जंगल का सबसे तेज जानवर हूँ। कोई मेरी बराबरी नहीं कर सकता!”

एक दिन, जंगल में दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। सारे जानवर उत्साहित थे। रिंकू तो सबसे ज्यादा खुश था। उसने सोचा, “यह जीत तो मेरी ही झोली में है!”

प्रतियोगिता शुरू हुई। चीता सबसे आगे था, हिरण उसके पीछे, और रिंकू भी तेजी से दौड़ रहा था। मगर थोड़ी दूर चलने के बाद रिंकू थक गया। वह धीमा होने लगा। चीता और हिरण उससे आगे निकल गए। रिंकू हार मानकर बैठ गया और उदास हो गया।

उसी समय, चींटी का एक झुंड उसके पास से गुजरा। रिंकू ने पूछा, “मैं जंगल का सबसे तेज था, फिर भी हार गया। क्यों?”

चींटी ने मुस्कुराते हुए कहा, “तेज दौड़ना ही सब कुछ नहीं होता। मेहनत और धैर्य भी जरूरी है। तू घमंड में इतना अंधा हो गया था कि भूल गया कि लगातार अभ्यास जरूरी है।”

रिंकू को अपनी गलती का एहसास हुआ। उसने माफी मांगी और समझा। उसने मेहनत करना शुरू किया और नियमित रूप से अभ्यास किया। अगले साल, उसने दौड़ प्रतियोगिता जीत ली।

सीख: घमंड अच्छा नहीं होता। हमें हमेशा विनम्र रहना चाहिए और मेहनत करते रहना चाहिए।

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