पहाड़ों की ऊंचाइयों में बसा हुआ था गाँव चंद्रपुर। इस गाँव के बारे में कुछ अनोखा था – यहाँ सूरज जल्दी डूब जाता था और अंधेरी रातें जल्दी आ जाती थीं। पर ये सिर्फ अंधेरे की खासियत नहीं थी, बल्कि अंधेरे के साथ आती थी एक अजीब सी खामोशी, और लोगों को जकड़ लेती थी एक अज्ञात डर की छाया।
गाँव की सबसे पुरानी बूढ़ी अम्मा किस्सा सुनाती थीं एक हवेली का, जो गाँव के बाहर घने जंगल में खड़ी थी। वो हवेली सालों पहले एक रईस ठाकुर की हुआ करती थी। ठाकुर की बेटी, रानी, बला की खूबसूरत थी। एक भयंकर तूफान में रानी नदी में बह गई और लापता हो गई। तब से कहा जाता है कि उसकी आत्मा हवेली में भटकती है, अपनी खोई हुई जिंदगी का इंतज़ार करती है।
एक युवा कलाकार, अमन, इस अनोखे गाँव और हवेली की कहानियों से आकर्षित होकर चंद्रपुर पहुँचा। उसने पुरानी हवेली का स्केच बनाने की ठानी। सूरज ढलते ही जंगल की ओर चल पड़ा। हवा में एक अजीब सी सनसनाहट थी और हर तरफ सन्नाटा छाया हुआ था। जैसे ही उसने हवेली को करीब से देखा, उसकी रोंगटे खड़ी हो गईं। टूटी खिड़कियाँ, टूटा छत, और चारों ओर जंगल फैला हुआ था।
हवेली के अंदर घुसते ही अमन को ठंड का एक झोंका लगा। हवा में धानपानी की मखमली महक थी। ऊपर की ओर जाने वाली सीढ़ियां टूटी और अंधेरी थीं। मगर उसके अंदर एक जिज्ञासा थी, वो रानी की कहानी को करीब से जानना चाहता था।
ऊपर जाते हुए उसे खिड़कियों से चांद की रोशनी आती दिखी। एक कमरे में उसने रानी का अधूरा चित्र देखा। चित्र इतना जीवंत था कि मानो रानी अभी बोल उठेगी। उसी कमरे में एक खिड़की से बाहर झांकने पर उसे नदी बहती दिखी। अचानक एक ठंडी हवा चली और कमरे में रानी की हंसने की आवाज़ गूंज उठी। अमन घबराकर पलटा तो सामने खड़ी थी रानी – वही सुंदर चेहरा, मगर अधूरा, जैसे नदी में घुल गया हो।
रानी ने कुछ नहीं कहा, सिर्फ उसे देखा। धीरे-धीरे उसका स्वरूप धुंधला होने लगा। जाते-जाते उसने मुस्कुराकर इशारा किया नदी की ओर।
अगले दिन गाँववालों ने अमन को बेहोश पाया हवेली के बाहर। उसे वापस गाँव में ले आए। जब होश आया तो उसने हवेली में देखे और महसूस किए सब कुछ बताया। गाँव के बुजुर्गों ने बताया कि रानी नदी में ही थी, उसकी अधूरी आत्मा अधूरा चित्र देखकर खुश हुई थी, उसे नदी तक लाने का इशारा किया था।
अमन वापस लौट गया, मगर रानी की कहानी और छवि उसके साथ ही रह गई। उसने रानी का पूरा चित्र बनाया, जहाँ वो मुस्कुराते हुए नदी की ओर देख रही थी। कहा जाता है, तब से रानी की आत्मा कभी नहीं दिखी, मानो उस चित्र में उसे शांति मिल गई थी।
ये सिर्फ एक कहानी है, मगर पहाड़ों में, अंधेरे में, कभी-कभी कुछ होता है, जिसे आँखें नहीं देख पातीं, मगर दिल महसूस कर लेता है।
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